जय भैरव बाबा स्वामी जय भैरव बाबा ।
नमोविश्व भुतेश भुजंगी मंजुल कहलावा ...... ॐ जय ..
उमानंद अमरेश विमोचन जनपद शिर नावा
काशी के कुतवाल आप को सकल जगत ध्यावा ..ॐ जय..
श्वान सवारी बटुकनाथ प्रभु पीमद हरबाबा ।
रवि के दिन जग भोग लगावत मोदक मन भावा। ..ॐ जय..
भीषम भीम कृपालु त्रिलोचन खप्पर भर खावा |
शेख चन्द कृपालु शशि प्रभु मस्तक चमकावा ।..ॐ जय..
गलमुण्डन की माला सुभोभित सुन्दर दरपावा
नमोनमो आनन्द कन्द प्रभुलटकर मरुजावा । ..ॐ जय..
कर्षतुण्ड शिव कपिल त्रयम्बक यश जग में छाया ।
जो जन तुझसे ध्यान लगावत संकट नहीं आवा ।..ॐ जय..
क्षेत्रपाल (भेरुबाबा) हम शरण तुम्हारी आरति थांरी गांवा ।
लाल बाल से भरझोली सुख सम्पति चाहवां
ॐ जय भेरु बाबा .....
आरती भेरुजी कीजय श्री बडमाताजी आरती
सन्तन प्रतिपाली सदा कुशाली, जयकारी कल्याण करें।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
मैया हाथ जोड तेरे द्वार खडे
(मैया हाथ जोड तेरे द्वार खडे)
पान, सुपारी, ध्वजा नरेला,
ले झोला तेरे भेंट धरे
सुण जगदम्बे मत कर विलम्बे,
सन्तन का भण्डार भरे। ॥१॥
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
बुद्धिविधाता तू जगमाता,
मेरा कारज सिध्द करे।
चरण कमल का लिया आसरा,
शरण तुम्हारी आन पडे।
जहां जहां भीड पडे भक्तन पे,
त्यां त्यां आकर सहाय करें ॥२॥
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
गुरुवार ते सब जग मोयो,
तरुनि अनुप रुप घरे ।
माता होय कर पुत्र खिलावे,
कहां भारजा भोग घरे ।
तेरी महिमा कब तक वरुणू, ।
बैठी राजस आप करे ॥३॥
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
शुकर सुखदाई सदा सहाई,
सन्त खडे जै जै कार करे ।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश शेष फुन,
लिया वेद तेरे द्वार खडे ।
अटल सिंहासन बैठी मेरी माता,
सिर कंचन का छत्र घरे ।।४।।
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
वार शनिश्चर कुंकुंम भरणो,
अब लडकन पर हुकम करे ।
खडग, खप्पर, त्रिशुल हाथ में
रक्त बीज को भस्म करें ।
सुमन सुम पछाडे जननी,
महिषासुर को पकड घरे ।।५।।
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
अदीतवार सुनआदि भवानी,
जिन अपने को कष्ट हरे ।
महा कोप होय दानव मारे,
चण्ड- मुण्ड सब चूर करे ।
जब तुम देखो दया रुप होय, |
पल में संकट दूर करे ।।६।।
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
सोम स्वभाव धर्यो मेरी माता,
मेरी अर्ज कबूल करे ।
सिंह पीठ पर चढी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दुनिया आवे दर्शन पावे, ।
आपरा भक्त तेरो ध्यान धरें ।।७।।
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
सात वार की महिमा वरनू, |
थारी ओ महिमा हद भारी ।
चांद, सूरज दोय तपे शीश पे,
तेरा तेज री बलिहारी ।
ब्रह्मा, वेद भने तेरे द्वारे, ।
शंकर ध्यान लगाये रहे ॥८॥
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)
नउ नौरता बैठी मेरी अम्बा,
दसमी को सम्पूर्ण भये ।
इंद्र, कृष्ण, तेरी करे आरती,
भैरु चंवर डुलाय रये ।
जय जय जननी आदि भवानी,
अटल छत्र की जय जय जय ॥९॥
(मैया सन्तन का भण्डार भरे)।
सन्तन प्रतिपाली सदा कुशाली, जयकारी कल्याण करें।
जयकारी कल्याण करे मैया, नवदुर्गा मेरी सहाय करें।
मैया सन्तन का भन्डार भरे।
श्री बडमाताजी की जय
जय श्री बडमाताजी आरती
श्री बड़माताजी मंदिर संस्थान, भड़ाणा, मारवाड़ मुंडवा, जिला - नागौर, पिन - 341026.
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